तुम्हारी महिमा को कोई नहीं समझ सकता ,अपनी महानता को स्वयं समझो ! आसमान में पगडडियां नहीं होती ! अपना रास्ता स्वय ढूंढना पडता हे ! जूझने के लिए स्वयं प्रयास करना पडेगा !बहते हुए आंसुओ को अपने हाथों से पोंछना ! अच्छे के लिए खुद ही अपनी पीठ थपथपाना !दूसरे से प्रेरणा ले सकते हें !मगर इस ताक में मत रहो कि कोई दूसरा आकर आपका सुधार कर देगा ! अपने दोश देखें , मगर हीन भावना न आने दें! आप परमात्मा के पुत्र हें तो परमात्मा के महान गुंण आपमें हें ,अपनी दिव्यता को याद रखो !