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Tuesday, December 28, 2010

दया धर्म का मूल

----- Original Message -----
Sent: Tuesday, December 28, 2010 2:53 PM
Subject: [DOHE AND CHOPAI Param Pujay SUDHANSHUJI Maharaj ke pravachano se liye] 12/28...

दया धर्म का मूल हे ,पाप मूल अभिमान ,
तुलसी दया न छोडिए , जब लग घाट में प्राण !


जब में था हरी नहीं ,हरी हें में नहीं ,
प्रेम गली अति सांकरी, जा में दो न समाए!

--
Posted By Madan Gopal Garga to DOHE AND CHOPAI Param Pujay SUDHANSHUJI Maharaj ke pravachano se liye at 12/28/2010 02:53:00 PM

Friday, December 17, 2010

भगवान का नियम

----- Original Message -----
Sent: Friday, December 17, 2010 3:36 PM
Subject: [GURUVAR SUDHANSHUJI MAHARAJ] भगवान का नियम



भगवान का नियम भगवान से भी ऊपर ही ,भगवान् अपने नियम कभी नहीं तोड़ते ! भगवान से उनका नियम बदलने के लिए कभी प्रारथना मत करो ,उनके नियमो का पालन करो !

--
Madan Gopal Garga द्वारा GURUVAR SUDHANSHUJI MAHARAJ के लिए 12/17/2010 03:36:00 PM को पोस्ट किया गया

Wednesday, November 24, 2010

] अपनी महानता को स्वयं समझो

----- Original Message -----
Sent: Tuesday, November 23, 2010 6:54 PM
Subject: [DELHI (VISHWAJAGRITI MISSION )] अपनी महानता को स्वयं समझो

तुम्हारी महिमा को कोई नहीं समझ सकता ,अपनी महानता को स्वयं समझो ! आसमान में पगडडियां नहीं होती ! अपना रास्ता स्वय ढूंढना पडता हे ! जूझने के लिए स्वयं प्रयास करना पडेगा !बहते हुए आंसुओ को अपने हाथों से पोंछना ! अच्छे के लिए खुद ही अपनी पीठ थपथपाना !दूसरे से प्रेरणा ले सकते हें !मगर इस ताक में मत रहो कि कोई दूसरा आकर आपका सुधार कर देगा ! अपने दोश देखें , मगर हीन भावना न आने दें! आप परमात्मा के पुत्र हें तो परमात्मा के महान गुंण आपमें हें ,अपनी दिव्यता को याद रखो !

--
Madan Gopal Garga द्वारा DELHI (VISHWAJAGRITI MISSION ) के लिए 11/23/2010 06:54:00 PM को पोस्ट किया गया

Sunday, November 14, 2010

REVISED MUMBAI SATSANG...

----- Original Message -----
Sent: Sunday, November 14, 2010 1:12 PM
Subject: [GURUVANNI Good Thoughts by Pujay SUDHANSHUJI Maharaj] REVISED MUMBAI SATSANG...

REVISED MUMBAI SATSANG PROGRAMME


Bhakti Satsang at
Vardanlok Asharam,Mumbai, Kajupada -Ghodbunder Road Distt Thane,
from 10th to 12th Dec ,
By H H Pram.Pujay Acharya Shree Sudhanshuji Maharaj ,
Timing 10th Dec evening 4.30 to 7.00 pm,
11th Dec morning 9.00 to11.30 A.M and evening 4.30 to 7.00 pm,
12th Dec 10 ,Time 9.00 A.M to 11.30 am

--



--
Posted By Madan Gopal Garga to GURUVANNI Good Thoughts by Pujay SUDHANSHUJI Maharaj at 11/14/2010 01:09:00 PM

Tuesday, November 9, 2010

निराश मत होना

----- Original Message -----
Sent: Tuesday, November 09, 2010 4:21 PM
Subject: [GURUVAR SUDHANSHUJI MAHARAJ] निराश मत होना

निराश मत होना
निराशा हमारे सामर्थ्य को तोडती है ,निराशा हमारी वीरता को ललकारती है ! निराशा जब भी आयेगी ऊर्जा शक्ति काम नहीं करेगी ,निराशा का प्रभाव सदैव हमारी बुध्दि पर होता है ,हमारी समझ काम नहीं कर पाती कि क्या करें क्या न करें ! निराशा जब भी आयेगी दिग- भ्रमित करेगी ,हम चौराहे पर खडे हो जायेगे हमें यही नही समझ आयेगा किधर जाएं -आगे या पीछे दांये या बायें ॰

--
Madan Gopal Garga द्वारा GURUVAR SUDHANSHUJI MAHARAJ के लिए 11/09/2010 04:21:00 PM को पोस्ट किया गया

Fw: [GURUVAR SUDHANSHUJI MAHARAJ] निराश मत होना

----- Original Message -----
Sent: Tuesday, November 09, 2010 4:21 PM
Subject: [GURUVAR SUDHANSHUJI MAHARAJ] निराश मत होना

निराश मत होना
निराशा हमारे सामर्थ्य को तोडती है ,निराशा हमारी वीरता को ललकारती है ! निराशा जब भी आयेगी ऊर्जा शक्ति काम नहीं करेगी ,निराशा का प्रभाव सदैव हमारी बुध्दि पर होता है ,हमारी समझ काम नहीं कर पाती कि क्या करें क्या न करें ! निराशा जब भी आयेगी दिग- भ्रमित करेगी ,हम चौराहे पर खडे हो जायेगे हमें यही नही समझ आयेगा किधर जाएं -आगे या पीछे दांये या बायें ॰

--
Madan Gopal Garga द्वारा GURUVAR SUDHANSHUJI MAHARAJ के लिए 11/09/2010 04:21:00 PM को पोस्ट किया गया

Thursday, October 14, 2010

Guruji aagam...

GURUVANNI Good Thoughts by Pujay SUDHANSHUJI Maharaj: Fw: [GURUVAR SUDHANSHUJI MAHARAJ] Fw: Guruji aagam...: " ----- Original Message ----- From: Madan Gopal Garga To: mggarga312@gmail.com Sent: Tuesday, October 12, 2010 11:49 AM Subject: [GURUV..."

पूज्य श्री सुधां...

GURUVANNI Good Thoughts by Pujay SUDHANSHUJI Maharaj: Fw: [GURUVAR SUDHANSHUJI MAHARAJ] पूज्य श्री सुधां...: " ----- Original Message ----- From: Madan Gopal Garga To: mggarga@gmail.com Sent: Monday, October 11, 2010 5:08 PM Subject: [GURUVAR SU..."

शान्ति एव सौह...

GURUVANNI Good Thoughts by Pujay SUDHANSHUJI Maharaj: Fw: [DELHI (VISHWAJAGRITI MISSION )] शान्ति एव सौह...: " ----- Original Message ----- From: Madan Gopal Garga To: mggarga@gmail.com Sent: Wednesday, October 13, 2010 7:17 PM Subject: [DELHI (..."

गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश

Thursday, September 16, 2010

Media khabar dikhaye na ki khabar banaye" -Aachar...

GURU VATIKA SE CHUNE PHOOL-Good thoughts by SUDHANSHUJI Maharaj: "Media khabar dikhaye na ki khabar banaye" -Aachar...: "गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश"

गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश
Sent: Wednesday, September 15, 2010 10:24 PM
Subject: [Bhilai Mandal (Vishwa Jagriti Mission)] हरी ॐ



करले भला, होगा भला,


बस यही है संसार में जीने की कला।



--
Posted By Rashmi to Bhilai Mandal (Vishwa Jagriti Mission) at 9/15/2010 10:22:00 PM

भाग्य क्या है

----- Original Message -----
From: vjm na
Sent: Thursday, September 16, 2010 7:38 AM
Subject: अमृत वचन

भाग्य क्या है ? अवसर और तत्परता, दोनों का मिलन ही भाग्य है। जो अवसर को पह्चान ले और तत्परता से पकड़ ले, बस समझ लीजिए भाग्य हाथ में आ गया। अवसर को ढूढिए, अवसर को पहचानिए और तत्परता से फ़ायदा उठI लीजिए, नहीं तो वो लौट के आने वाला नहीं है।


परम पूज्य सु्धांशुजी महाराज

What is destiny ? The combination of opportunity and eagerness is destiny. Those who can identify an opportunity and take advantage of it with eagerness, can reach their full potential and their destiny. Search for opportunities, recognize them and take advantage of them with eagerness because once an opportunity is gone it will not come back.

Translated by Humble Devotee

Praveen Verma

Thursday, September 2, 2010

बेटी के सुखी जीवन के लिए

बेटी के सुखी जीवन के लिए
* ससुराल पक्ष के लोग और उसके पति को उनकी आदतें,
स्वभाव , रुचियाँ समझने और उनके साथ तालमैल मिलाने का अवसर है !
* हर बात में बेटी का पक्ष न लें ! उसे त्याग ,समर्पण ,सहयोग ,
एवं प्रत्येक के साथ मधुर व्यवहार की शिक्षा दें !
* ससुराल वाले बहू को बेटी मानें यह बहुत अच्छा हे लेकिन
बहू ससुराल में स्वंय को बेटी मानने की भूल कभी न करे !
*क्योकि बेटी अपने माता पिता के घर में माता-पिता और भाइ -बहन इत्यादि से अपेक्षा और अपने कार्य के प्रति उपेक्षा रखे तो चलता है लकिन ससुराल में यही अपेक्षा और उपेक्षा भारी कष्ट का
कारण बनती है !
* अगर किसी से कोई कठोर बात कहने की आवश्यकता पडे यो उसे मधुर शब्दों में ही कहना चाहिए !
* पति के घर में सबकुछ पिता के घर जैसा कभी नही होता !
इसलिए बेटी को ससुराल में ससुराल की परिस्थितियां ,वहां क्र अभाव -प्रभाव ,लोकरीति,व्यवहार ,रीति तथा कुल परम्पराओं के अनुसार जीवन जीने की प्रेरणा दें !
*अगर कोई अच्छी बात अच्छी आदत को बेटी वहां के लोगों में
डालना चाहती हे तो बडी सावधानी ,धैर्य एवं धीरे धीरे और उसका स्वयं आचरण करके प्रारंभ करे अन्यथा वहां के लोगो का अहंइसे सहन नहीं कर पायेगा!
*पति को उसके माता पिता ,भाई बहन के प्रति दायित्वों से विमुख करने का प्रयास कभी न करें इससे मनों में कटुता आती है !
*स्त्री पर तीन कुलों के निर्माण का दायित्व होता है उसे इस गरिमा को कभी नहीं भूलना चाहिए !
*इस महान कार्य की पूर्ति वह प्रेम ,सहनशीलता सदव्यवहार ,सदाचरण एवं त्यागपूर्ण जीवन से ही कर सकती हैं !
धर्मदूत जुलाइ 2010 से !

Saturday, June 26, 2010

हर भक्त की पुकार

----- Original Message -----
Sent: Monday, June 21, 2010 8:22 AM
Subject: [GURU VATIKA SE CHUNE PHOOL-Good thoughts by SUDHANSHUJI Maharaj] 6/21/2010 0...

हर भक्त की पुकार अपने सद्गुरुजी के लिए एक ही होती है और वह है।
तेरा जलवा जहाँ होगा।
मेरा सजदा वह होगा।
मेरे जैसे तो लाखो होंगे।
पर तेरे जैसा प्यारा कहाँ होगा।
गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश

--
Niranjan Manju Agarwal द्वारा GURU VATIKA SE CHUNE PHOOL-Good thoughts by SUDHANSHUJI Maharaj के लिए 6/21/2010 08:15:00 AM को पोस्ट किया गया

Friday, June 25, 2010

श्रध्दापर्व

* जिन हाथों ने आपको हर ठोकर से बचाया और गिरते हुए सँभाला !
* जिन हाथों ने अपनी अथक परिश्रम की कमाई की आप पर बडे प्रेम से लुटाया !
* जो हाथ सदा आपकी खुशहालीकी कामना से आशीष के लिए उठते रहे आज वे निर्बल ,अक्षम हाथ सहारा पाने के लिए लाचार हें !
आओ कृतज्ञता भरे भावों से उन्हें सँभाले ,उनहे प्रेम ,अपनापन और सम्मान दें ॰
*उनके प्रति श्र्द्धा का दीप जलाएं श्रद्धापर्व मनाएं ,
बृद्धो के प्रति करुणा ,श्रद्धा और आदर से ओत ,प्रोत पुज्य गुरुदेव सुधांशु जी महाराज द्वारा प्रणीत हर 2 अक्तूबर को श्रध्दापर्व मनाएं !

अमृत वचन

यह ध्यान रखिए कि आपनी अक्ल
से अपनी समस्याओं का सामना करना अलग बात हे
!दूसरी बात जितना आप खुश रहेंगे उतना आपके
शरीर की शक्ति आपके साथ जूझेंगी !

गांधीजी कहते थे बिना कमाए यदि आप खा रहे हें
तो आप चोरी कर रहे हें !

उपयोगी बातें

जीवन हे मिट्टी का सुंदर खिलोना !
जीवन हे कांटों का दुर्लभ बिछोना !
जीवन के सफर में अनेक कष्ट आते !
मिटें कष्ट कैसे यह सदगुरु बताते !

दान न जाने तो धन व्यर्थ हे !
प्रेम न जाने तो संबद्ध व्यर्थ हे !
मर्म न जाने तो कर्म व्यर्थ हे !
धर्म न जाने तो जीवन व्यर्थ हे !

संग्रह करो तो त्याग भी करो !
कमाओ तो उपयोग भी करो !
ज्ञान किया हे तो उपयोग भी करो !
सामर्थ्य हो तो सहयोग भी करो !

बृक्ष की गरिमा फल बांटने में हे !
बादल की गरिमा जल बांट्ने में हे !
भक्ति की गरिमा प्यार बांटने में हे !
व्यक्ति की गरिमा उपहार बांटने में हे !

गुरु वाणी

गुरु वाणी



जिज्ञासा प्रारंभ में परमात्मा ने हमको दी और हमारी कोशिश होनी चाहिए की इस जिज्ञासा को हम मरने न दें क्योकि हम इस संसार में जानने के लिए आये हैं।

गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश


--
Rashmi द्वारा GURU VATIKA SE CHUNE PHOOL-Good thoughts by SUDHANSHUJI Maharaj के लिए 6/22/2010 11:22:00 PM को पोस्ट किया गया

Thursday, June 17, 2010

गुरुपूर्णिमा महोत्सव के देशव्यापी कार्यकर्म

----- Original Message ----- To: mggarga312@gmail.com
Sent: Thursday, June 17, 2010 8:31 AM
Subject: [VISHWAJAGRITI MISSION DELHI] गुरुपूर्णिमा महोत्सव के देशव्यापी कार्यकर्म



गुरुपूर्णिमा महोत्सव के देशव्यापी कार्यकर्म

पुणे महाराष्ट्र

२ और ३ जुलाई

सम्पर्क सूत्र, ०९४२२३१७१९०,०९८२३०१५१०७,०९८५०३०८३१९,०९३७१००२३९४



पंचकुला ,चंडीगढ़

१० और ११ जुलाई

sampark सूत्र ,०१७२-३२०१३०० ,०९८१४०१२५०२,०९८१४०१२५०३



थाणे .मुंबई

४ जुलाई

स्थान =वरदान लोक आशरम

सम्पर्क सूत्र ०९८७०४०२०१०,०९८२१०५१९४२



कानपुर ,उ.प्र।

१८ जुलाई

सम्पर्क सूत्र 09336226811


--
Madan Gopal Garga द्वारा VISHWAJAGRITI MISSION DELHI के लिए 6/16/2010 03:04:00 PM को पोस्ट किया गया

Saturday, May 8, 2010

खुशी

देने वाले मालिक ने आपको बहुत कुछ दिया लेकिन सब कुछ नहीं दिया ,कुछ न कुछ कमी रखी ! अगर कमि पर ध्यान देते रहोगे तो रोते रहोगे और अगर जो दिया हे उस पर ध्यान करोगे तो खुशी आयगी !

Wednesday, April 28, 2010

प्रेम

जीवन का सबसे सुंदर रंग प्रेम हे ये ऐसा रंग हे जिसमें हर कोई रंगना चाहता हे जीना चाहता हे ! जिस घर में प्रेम नहीं हे ,श्रधा नहीं हे ,विश्वास नहीं हे तो फिर वह घर खुशियां नहीं देता ! विश्वास ,प्रेम के धागे को बांधे हुए हे ! यदि विश्वास टूट गया तो प्रेम के धागे भी टूट जाते हें !

Friday, April 2, 2010

Manali Sadhna shiver

Yoga & Meditation SHIVER

YogaYoga and Meditation Package

FIVE DAY YOGA AND MEDITATION SHIVERS

4th Jun To 7th June &9th June To 12th jun

Contribution

Rupees Eleven Thousand

Only, Highly subsidized

. LIFE TIME OPPORTUNITY TO HAVE A SPIRITUAL RETREAT IN AUGUST COMPANY OF HIS HOLINESS MAHARAJ JI AT MANALI

The world is getting smaller and so are our families. We've got faster cars, faster computers, more telephone connections, more email ID's and still less time to spend with each other.

When was the last time you took a break, left your office behind, let your kids forget about school, packed your bags and just decided to spend some "quality time" .

Manali literally means the 'Home of Manu', the mythological character that survived when the world was drowned in a flood. Spectacular views of snowcapped peaks and wooded slopes, grassy meadows carpeted with wild flowers make Manali the perfect retreat for a family holiday.

Manali at an altitude of 1,829 meters, surrounded by towering peaks, is far removed from the hubbub of everyday life. Its proximity to the snowline, the breathtaking landscape, the meandering Beas River, dappled orchards and fairy-tale forests of deodar make Manali an inspirational holiday for you and your loved ones.

Maharaj ji at the meditation camp, in deep trance

FIVE DAY YOGA & MEDITATION PACKAGE:

First Sadhna Shiver 4th June To 7th Jun

Second Sadhna Shiver 9th Jun to 12th Jun

Departure First camp
2nd Jun
Departure second camp

7th Jun

3rd Jun Arrival at Manali . Welcome registration, check - in rooms, snacks and drinks..
Evening Dinner,at
8 PM.

4th June

Morning at
6AM move to Ashram for meditation session, practice of yogic postures and simple pranayama.and sadhna techniques by His Holiness Sudanshu Ji Maharaj.

10 AM to 11AM Breakfast.11AM to 12PM practice and answers to queries

12PM departure for Hotels, 1300 To 1400 Hrs Lunch'

2PM to 3PM Rest.

330PM departure to Ashram for meditation

4PM to 5-30PM meditation techniques

5-30 TO 6-30 PM Practice Techniques.

6--30PM To 7PM Satsangh

7PM Departure for Hotels

8PM Dinner and rest

Devotees practicing meditation


5th June.
Morning at 6AM move to Ashram for meditation session, practice of yogic postures and simple pranayama.and sadhna techniques by His Holiness Sudanshu Ji Maharaj.

10 AM to 11AM Breakfast.11AM to 12PM practice and answers to queries

12PM departure for Hotels, 1300 To 1400 Hrs Lunch'

2PM to 3PM Rest.

330PM departure to Ashram for meditation

4PM to 5-30PM meditation techniques

5-30 TO 6-30 PM Practice Techniques.

6--30PM To 7PM Satsangh

7PM Departure for Hotels

8PM Dinner and rest

Meditation in the Pyramid

6th June

6AM Departure for Rohtang Pass/ and sightseeing Manali.

5PM Arrival , Tea and Dinner will be served at 8PM

7th June

6AM Departure for Ashram for meditation

7To 9-30AM closing ceremony

9-30 TO 10-30 Breakfast

10-30 to 1PM Problem solving session.

I PM To 2PM Lunch

3-30 Departure for Delhi



Accommodation
Accommodation has been arranged on twin sharing in the Hotels located at Naggar which is historical and scenic place.

b) ASHRAM : Ashram -it is a spiritual heaven, resting serenely among the Himalayan mountains and River Beas flowing It is nestled in the lap of the Shivalik range of the
Himalayas. The ashram's location among the apple orchard and aesthetic presentation of pious themes create an atmosphere of true spiritual sublimity.

Transportation

From Delhi Air-conditioned Luxury buses will take you to MANALI.Transport for conveyance from hotels to Ashram and for sightseeing to Rohtang Pass have been arranged


Manali the abode of Devtas most suitable for Meditation

Contact

Shri Lalit

09312284390

Saturday, March 27, 2010

मित्रता

----- Original Message -----
Sent: Saturday, March 27, 2010 5:15 AM
Subject: [GURU VATIKA SE CHUNE PHOOL-Good thoughts by SUDHANSHUJI Maharaj] मित्रता

मित्रता होना आसान हे ,मगर मित्र होना दूसरी बात हे , हमारी मित्रता बहुत लोगों से होसकती हे पर मित्र सब नहीं होते !
गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश

--
Madan Gopal Garga द्वारा GURU VATIKA SE CHUNE PHOOL-Good thoughts by SUDHANSHUJI Maharaj के लिए 3/27/2010 05:09:00 AM को पोस्ट किया गया

Friday, March 26, 2010

apni vaani ki dhaar ko

----- Original Message -----
Sent: Thursday, March 25, 2010 8:40 PM
Subject: [ADHYATMIK Good thoughts by Param Pujay SUDHANSHUJI Maharaj] 3/25/2010 08:37:...

apni vaani ki dhaar ko chupane ka prayas ve karte hain, jinka kuchh nihit swarth hota hai.
गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश

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Nidhi Vohra द्वारा ADHYATMIK Good thoughts by Param Pujay SUDHANSHUJI Maharaj के लिए 3/25/2010 08:37:00 PM को पोस्ट किया गया

Tuesday, March 23, 2010

20th aniversar...

----- Original Message -----
Sent: Tuesday, March 23, 2010 1:41 PM
Subject: [ANANDDHAM.ORG established by Param Pujay SUDHANSHUJI Maharaj] 20th aniversar...

24th March 2010 ko Ramnavmi ke pavan avsar par v.j.m (Delhi) apni 20th anivarsary ki sabhi bhakton ko hardik badhai aur Guruvar ka shubh ashirwad from v.j.m [Delhi]
23 Mar.2010 11.28
from Anil Singh

--
Posted By Madan Gopal Garga to ANANDDHAM.ORG established by Param Pujay SUDHANSHUJI Maharaj at 3/23/2010 01:33:00 PM

Thursday, March 18, 2010

join

----- Original Message -----
Sent: Thursday, March 18, 2010 3:22 PM
Subject: [AMRIT VANI Good thoughts by Param Pujay SUDHANSHUJI Maharaj] join


Click to join Deciples-of-Sudhanshujimaharaj

Click to join Deciples-of-Sudhanshujimaharaj




--
Posted By Madan Gopal Garga to AMRIT VANI Good thoughts by Param Pujay SUDHANSHUJI Maharaj at 3/18/2010 03:22:00 PM

Tuesday, March 16, 2010

happy new year

happy new year



Wish you all a happy new year,

Gudi Padva

and

navratra


--
Madan Gopal Garga द्वारा ADHYATMIK Good thoughts by Param Pujay SUDHANSHUJI Maharaj के लिए 3/16/2010 05:20:00 AM को पोस्ट किया गया

Thursday, March 11, 2010

सदगुरु की अमृत वाणी

सदगुरु की अमृत वाणी


"यदि किसी को कुछ दे दिया जाए तो उसे सदा गुप्त ही रहने दो। घर में जब कभी कोई आ जाए तो उसका विधिपूर्वक सत्कार करो। यदि किसी का प्रिय कार्य कर दिया है तो उसके सम्बन्ध में मौन रहो और यदि किसी ने तुम्हारा उपकार किया है तो उसे सबके सामने प्रकट करते रहो।"

परम पूज्य सुधाँशुजी महाराज

If you give something to somebody, let it be a secret forever. When someone comes to your home, welcome him properly. If you do any task which is dear to someone, remain quiet about it. And if someone does something good for you, you must acknowledge that in front of everyone.



Translated by Humble Devotee
Praveen Verma

अमृत वचन

अमृत वचन


"संसार में समय को बहुमूल्य संपदा माना गया है। समय की रफ़्तार इतनी तीव्र है कि पलक झपकते ही आप पिछड़ सकते है। इसलिए अपने जीवन के हर पल को, क्षण को कीमती मानकर उसका सदुपयोग करो। समय को कभी बरबाद मत करना। क्योंकि समय को जो व्यर्थ बिता देते है, समय उनको बरबाद कर देता है।"

परम पूज्य सुधाँशुजी महाराज

Time is the most valuable treasure in the world. Time is also fleeting and can be gone within the blink of an eye. That is why, consider every moment of life precious and make good use of your time. Do not waste time. Because the one who wastes time is ruined by time.



Translated by Humble devotee
Praveen Verma

अमृत वचन

अमृत वचन


"भविष्य जानने की कोशिश मत करो। भविष्य परमात्मा के हाथ में है, वर्तमान आप के हाथ में है। भूतकाल बीत गया, उस की कोई कीमत नहीं । वर्तमान को अच्छा बना रहे है तो

भविष्य की नींव डाल रहे हैं ।"

परम पूज्य सुधाँशुजी महाराज

Do not try to predict the future. The future is in God's hands. Only the present is in our hands. The past has already happened and there is no value in dwelling on it. If we can better our present then that will be the foundation for a better future.



Translated by Humble Devotee

Praveen Verma

अमृत वचन

अमृत वचन


"मनुष्य की प्रत्येक इन्द्रिय का अपना धर्म है । उसे अपने धर्म का पालन करना चाहिये ।

आँख का धर्म है समस्त प्राणियों में ईश्वर का दर्शऩ करें । कान का धर्म है महापुरुषों की अमृतवाणी सुनना, दूसरों की अच्छाइयाँ सुनना। मुख का धर्म है सत्य और प्रिय वचन बोलना । हाथों का धर्म है सत्कर्म करना, सेवा धर्म अपनाना। प्रत्येक मनुष्य का धर्म है कि अपने प्रति, परिवार के प्रति, समाज के प्रति, राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों को पूरा करें।"


परम पूज्य सुधाँशुजी महाराज



Every human sensory organ has its own property or attribute. These attributes should exist in all people. The eye's attribute is to see God in all beings and the goodness in people. The ear's attribute is to listen to spiritual teachings of the saints. The mouth's attribute is to speak the truth and to speak sweetly. The hands' attribute is to do good deeds and to serve humanity. It is the duty of every person to utilize the attributes of one's senses towards himself, family, society and the nation.


Translated by Humble Devotee
Praveen Verma

कर्म

----- Original Message ----- To: mggarga@gmail.com
Sent: Thursday, March 11, 2010 5:32 AM
Subject: [GURU VATIKA SE CHUNE PHOOL-Good thoughts by SUDHANSHUJI Maharaj] कर्म


कर्म और भाग्य दोनो अलग अलग हें और इनका महत्त्व ही ! कर्मठता पर ध्यान दो और आलस्य को त्यागो ! भाग्यवादी मत् बनो परिश्रम करो !
गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश

Sunday, January 10, 2010

तर्क और प्यार

तर्क और प्यार


तर्क कर लेना भली बात हें पर उसको तकरार में मत् बदल लेना !
जितना त्याग होगा उतना प्यार गहरा होगा ,त्यागी बनो प्यार अपने आप होजाएगा
गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश

Thursday, January 7, 2010

नव वर्ष की शुभ काम्नाएं

नव वर्ष की शुभ काम्नाएं


सु:ख समृद्धि से भरपूर
हर घर आंगन हो !
जीवन में नित नूतन खुशियां आएँ ,
हर दिन ,हर पल मन भावन हो !
फैले यश कीर्ति दिग्दगान्त,
तन मन धन अति पावन हो !
बढे प्रेम श्रद्धा सिमरन नित ,
हरि कृपा का बरसता सावन हो !
नव वर्ष की आप सबको ,
हार्दिक मंगल कामनाएं !

-आचार्य सुधांशु
जीवन संचेतना जनवरी 2010

गृहस्थ आश्रम के ३१ वर्ष सम्पन्न होने पर बधाई

गृहस्थ आश्रम के ३१ वर्ष सम्पन्न होने पर बधाई



परम श्रद्धेय सदगुरुदेव जी एवं परम पूज्या गुरुमाता जी को

गुरुभाक्तों के ओर से बधाई !

परम श्रद्धेय सदगुरु श्रीसुधांशुजी महाराज एवं परम आदरणीया

गुरुमाता श्रीमती ऋचासुधांशुजी के गृहस्थ आश्रम के ३१ वर्ष सम्पन्न

होने पर समस्त भक्तजनों की गुरुचरणों मैं हार्दिक शुभकामनाएं !

शत शत नमन एवं अभिनन्दन

१४ जनवरी मकर संक्रान्ति उतरायण का पावन पर्व गुरुदेव -गुरुमां

के ग्रहस्थ प्रवेश की मंगलमयी मधुर समृति है ! सभी भक्तजनों को

इस मंगल पर्व की लाख-लाख बधाई !
जीवन संचेतना जनवरी २०१०