WELCOME TO THIS BLOG

PLEASE VISIT UPTO END OF BLOG

AdSense code

Wednesday, June 4, 2014

Fwd: WHatap





राधे राधे,
आज का भगवद चिन्तन,   
     भोगी के लिए वन में भी भय है , योगी के लिए घर में भी वन जैसा आनन्द है। जो विकार मुक्त हो चुका है वह हर जगह शांति का अनुभव करेगा। श्री कृष्ण कहते हैं कि तुम केवल वाहरी चीजों को बदलने में लगे रहते हो , अंतस को बदलने का कभी भी प्रयत्न नहीं करते।
      कर्म करते समय संसार जैसा व्यवहार करो पर चेतना इतनी सम्पन्न हो कि भीतर से हम ज्ञान की असीम ऊंचाइयों पर हों। जैसे पतंग उड़ाने वाला डोरी अपने हाथ में रखता है और पतंग उलझने पर तुरंत अपने पास खींच लेता है। ज्ञान युक्त विचारों से कर्म करोगे तो कहीं उलझोगे ही नहीं।
     परम तत्व का हर क्षण स्मरण करो , वो ही तो सब कुछ करा रहा है और करने के लिए प्रेरित कर रहा है। ये पवित्र विचार, भगवद चिन्तन, अच्छे कर्म , गौ सेवा , नाम स्मरण , संत सेवा , उस परम की कृपा से ही तो सब हो रहा है। अपने को कर्ता और कारण मत मानो, प्रभु की कृपा अनुभव करो।

                          
संजीव कृष्ण ठाकुर जी (वृन्दावन)



No comments: